रातों का कारवां
ना जाने ये कैसा एहसास है,,
मुसलसल ये रातों का एक जहान है।
नहीं कटती ये राते तुम्हारी बगैर,,
इनमे छुपी तुम्हारी यादें बेसुमार है।
शिकवा...
मुसलसल ये रातों का एक जहान है।
नहीं कटती ये राते तुम्हारी बगैर,,
इनमे छुपी तुम्हारी यादें बेसुमार है।
शिकवा...