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युवा शक्ति आदर्श - भगत सिंह
ये धधकती लावा न विराम होनी चाहिए
युवाओं के हाथ से शुभ काम होने चाहिए

एक सुर में हम भी गाएँ गीत -ए- जश्न आज़ादी
भूले- भटके जोश में लगाम होना चाहिए

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ये उड़ती- फिरती सोन चिड़िया
माँ मेरी जो कैद में थी

अंग्रेज़ो के भेष में
लुटेरे आकर बस गए

उठ खड़ा हुआ वो जन्मा
लेकर नारा आज़ादी

जिसका सिर्फ एक सपना , भारत में अपना
लोकतांत्रिक , धर्मनिरपेक्ष और आज़ादी

अनन्त सुलगती ऊर्जा का
केंद्रित वो आदर्श थे

शहीद-ए- आज़म भगत सिंह
नाम काफी आज़ादी

साथी ऐसे क्रांति में जो
साथ लड़ने थे खड़े

हो हाल जितना भी बुरा
कर्त्तव्य पथ पर थे अड़े

सुखदेव, राजगुरु ने भी
ओढ़ा कफ़न था
उनके शहादत की कीमत आज़ादी

Written on - 12 Aug 2023
Digitally
Published - 15 August 2023

© Karan

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