...

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हिंदी के लिए दो दबाएंगे जबतक
हिंदी भाषण में रहेगी तब तक,
हिंदी के लिए दो दबाएंगे जबतक।
केवल बातों से कुछ नहीं होता,
हिंदी को जो बोझ बना ढोता।
यह बोझ बनी ही रहेगी तबतक,
हिंदी के लिए दो दबाएंगे जबतक।
संसार में सर्वाधिक बोली जाती,
फिर भी सम्मान को तरसती रहती।
इस भाषा का अपमान है तबतक,
हिंदी के लिए दो दबाएंगे जबतक।
यह दिवस मानने से अच्छा होता,
सबकी भाषा में सिर्फ हिंदी होती।
इसके उत्थान की जरूरत टबतक,
हिंदी के लिए दो दबाएंगे जबतक।
© DRGNRAI