...

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माथा चूमना.. आत्मा चूमने के जैसा है..
माथा चूमना.. आत्मा चूमने के जैसा है..

High bp की तरह हो गए हो तुम... जिसे याद ना करुँ तो दिल की धक धक बढ़ जाती है या कलाई की टक टक.....एक गोली की तरह हैं अब याद तुम्हारी..
जिसे सुबह शाम गटक लेती हूँ बस साँसों के चलने के लिए....कुछ याद नहीं रहता अब सिवा तुम्हारे....
जरूरी से होते जा रहे हो जीने के लिए.... उतना ही जितना,,,, तुम्हें ना सोचूँ तो दम घुटने सा लगता है...
पता नहीं कौनसी तहरीर आखिरी हो बस तुम याद बहुत आते हो इन दिनों....
" Raag "

#raagquotes
© Dreamasingh