...

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कठिन राश्ता
अडचनों की मार्ग में,
परवाह मैं करता नहीं हूँ |
राह भूला हूँ मगर,
चलने से मै डरता नहीं हूँ ||१||

मैं कभी परिणाम का,
लेता-न सर पे बोझ भारी |
कर्म को पुजा समझता,
कोशिशों का मैं पुजारी ||२||

कल्पना कीही उड़ाने,
मैं कभी भरता नहीं हूँ |
राह भुला हु मगर,
चलने से मैं डरता नहीं हूँ ||३||

लक्ष्य पाने को चला हूँ,
पाव में संकल्प भरकर |
ठोकरे हो या शूल हो,
मगर रुकना नहीं थक कर ||४||

अंधियारों में मैं कभी,
भयभीत हो डरता नहीं हूँ |
राह भुला हूँ मगर,
चलने से मैं डरता नहीं हूं ||५||

© 2005 self created by Rajeev Sharma