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शिव महिमा
,,,,,,जय जय शिवशंकर कृपामणि।
है नीलकंठ ,है नंदीश्वर ।
है गणपति के जननायक तुम।
है गौरीपति,है कृपासिंधु।
गिरी गिरी पर बसने वाले ।।
कैलाश पे वास करे तुम्ही ।
प्रत्यक्ष तुम्ही ,तुम हो प्रमाण ।
तुम जन नायक , करुणानायक।।
नादानो पर कर दो कृपा।
है शशि मस्तक धरने वाले ।
भागीरथी को आश्रय देकर ।
है सूर्यवंश तारण हारे।।
पापों से कर पाप हीन ।
विनती सबकी स्वीकार करो ।
करबद्ध निवेदन खड़े हुए।
दुख दूर करो है दुख भजन।।
© Sarthak writings
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