...

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इशारों इशारों में
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहाँ जुड़ते हैं रिश्ते,
प्यार अगर है उसको तुझसे,
प्यार का इज़हार किया होगा।
ज़ुबाँ से नहीं तो अदा से किया होगा,
अदा से नहीं तो निगाह से किया होगा।
प्यार छुपता नहीं छुपाने से,
किसी न किसी तरह इकरार किया होगा।
थोड़ी लजाई होगी, थोड़ी शरमाई होगी,
तुझसे नज़रें बचाकर मुस्कुराई होगी,
इशारों इशारों में हुईं होंगी कुछ बातें,
ऐसे ही तो रात नहीं बिताई होगी।

© दुर्गाकुमार मिश्रा