...

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सुप्रभात।
आयी सुप्रभात की वेला,
रविकिरणों के संग-संग आया,
तेरी यादों का मेला।

चहकीं चिड़ियाँ,
तेरी कोयल सी वोली मन भाती।
महकी-महकी पवन तेरे,
आंचल की खुश्बू लाती।
रूनझुन करते पायल घुंघरू,
गीत मधुर गाते हैं।
अधर तेरे अरुणिमा भोर की
पाकर मुस्काते हैं।
केशराशि आनन पर आकर,
सुन्दर रूप बनाती ।
जैसे हीरे की सी आभा,
कभी ना छिपने पाती।

सचमुच प्यार बहुत है पावन,
और बड़ा अलवेला।
आयी सुप्रभात की वेला।

सुप्रभात, सुप्रभात, सुप्रभात।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏




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