काबलियत
मैं अपने गम.
और दर्द को.
छुपाने के लिए
मl अपने चेहरे पर खुशियों को
चिपका कर रखने का हुनर.अच्छे से
जानता हू
इसके बावजूद मेरा
ये हुनर अपना वज़ूद ख़ो देता हैँ. ज़ब मैं अपनी मां के सामने खड़ा ही जाता हू क्योंकि वो मेरा असली चेहरा परखने मे मुझसे भी ज्यादा
काबलियत रखती है
और दर्द को.
छुपाने के लिए
मl अपने चेहरे पर खुशियों को
चिपका कर रखने का हुनर.अच्छे से
जानता हू
इसके बावजूद मेरा
ये हुनर अपना वज़ूद ख़ो देता हैँ. ज़ब मैं अपनी मां के सामने खड़ा ही जाता हू क्योंकि वो मेरा असली चेहरा परखने मे मुझसे भी ज्यादा
काबलियत रखती है