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गुमशुदा नोट
गुमशुदा से नोट पर एक धुँधली तस्वीर देखी
किसी मेहनतकश के ख़्वाब की ताबीर देखी
सोचते रहते हैं मंज़िल को पाने के रास्ते दिन रात
देते हैं अपने रब को भी कितने ही वास्ते दिन रात
अजीब कशमकश दिल में अब तो होने लगी है
क्या होगा कल ज़िंदगी यही सवाल करने लगी है
होना जो है वो होकर रहेगा फिर इतनी फिक्र क्यूँ
जिस बात पर कोई काबु नहीं उसका ज़िक्र क्यूँ
ना इतनी जान हलकान किया करो सोचकर
कभी दिल हल्का कर लिया करो सब बोलकर
फ़कत मुस्कुराना अपने बस में है तो मुस्कुराओ
और चाहतों के गीत अपनों संग तुम गुनगुनाओ
NOOR E ISHAL
© All Rights Reserved
किसी मेहनतकश के ख़्वाब की ताबीर देखी
सोचते रहते हैं मंज़िल को पाने के रास्ते दिन रात
देते हैं अपने रब को भी कितने ही वास्ते दिन रात
अजीब कशमकश दिल में अब तो होने लगी है
क्या होगा कल ज़िंदगी यही सवाल करने लगी है
होना जो है वो होकर रहेगा फिर इतनी फिक्र क्यूँ
जिस बात पर कोई काबु नहीं उसका ज़िक्र क्यूँ
ना इतनी जान हलकान किया करो सोचकर
कभी दिल हल्का कर लिया करो सब बोलकर
फ़कत मुस्कुराना अपने बस में है तो मुस्कुराओ
और चाहतों के गीत अपनों संग तुम गुनगुनाओ
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