...

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गुमशुदा नोट
गुमशुदा से नोट पर एक धुँधली तस्वीर देखी
किसी मेहनतकश के ख़्वाब की ताबीर देखी

सोचते रहते हैं मंज़िल को पाने के रास्ते दिन रात
देते हैं अपने रब को भी कितने ही वास्ते दिन रात

अजीब कशमकश दिल में अब तो होने लगी है
क्या होगा कल ज़िंदगी यही सवाल करने लगी है

होना जो है वो होकर रहेगा फिर इतनी फिक्र क्यूँ
जिस बात पर कोई काबु नहीं उसका ज़िक्र क्यूँ

ना इतनी जान हलकान किया करो सोचकर
कभी दिल हल्का कर लिया करो सब बोलकर

फ़कत मुस्कुराना अपने बस में है तो मुस्कुराओ
और चाहतों के गीत अपनों संग तुम गुनगुनाओ
NOOR E ISHAL
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