...

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एक जिम्मेदारी आपकी भी😞

आखिर वो कब तक लड़ती रहेगी
इस समाज से ,अपने ही लोगों से
अपने अधिकार के लिए

क्यों उसको लड़की का नाम देकर
झुकाने की कोशिश करते है लोग
क्या उसकी इच्छा कभी नहीं होती
कुछ अपनी बातों को साझा करने की,

क्यों कोई उसकी बात नहीं सुनना चाहता
क्यों उसको हर जगह गलत साबित करने की
साजिश की जाती है
ऐसा कौन सा मान सम्मान है समाज का
जिसकी फिक्र लोगों को सताए रहती है

वो कुछ करने की सोचती है तो उसको
दबा दिया जाता है ये कहकर
की बाहर की हवा लगी है
उसके बोलने से , उसकी इच्छा से
कोई काम क्यों नहीं करने दिया जाता

क्या वो हमेशा गलत होती है?
क्या वो कुछ सोच नहीं सकती
क्या वो अपनी मन की बात
अपनों के सामने नहीं रख सकती,

क्या वो अपनी इच्छा से कुछ कर नहीं सकती?
आखिर क्यों लोग उसको एक
कठपुतली की तरह बनाकर रखना चाहते!

आखिर क्यों लोग अपने स्वार्थ की वजह से
उसको अपनी इच्छाओं की बलि देनी पड़ती
क्या ये बात हम सबको समझनी नहीं चाहिए
समाज हमसे, हम सभी लोगों से ही तो बना है
हम उसी के तो एक सदस्य हैं।

फिर भी हम लोग ही इसके खिलाफ क्यों है
हम लोगो की इतनी संकीर्ण सोच कैसे हो सकती।

हम लोग ही कमियां क्यों निकालते हैं
कौन से मान सम्मान की हम लोग आज
बात करते है?

क्या हम सबकी चेतना आज मर चुकी है?
आज भी सोचने की जरूरत है हम सबको
क्युकी हम सबका सहयोग ही हम सबको आगे
बढ़ा सकता है ।

गलत को गलत करने से रोक सकते है किसी की मानसिक
चेतना को कष्ट देकर हम
एक अच्छे नागरिक कभी नहीं बन सकते

आखिर हम सब इंसान ही तो है
इंसानियत कहां चली गई सबकी?

आज इस प्रतियोगिता के दौर में
सब कुछ भूल चुके है।

अपने ही अहंकार में चूर हो चुके है
अपने ही स्वार्थ में दूसरों का
हनन कर रहे है।

आखिर कब तक चलेगा ये सब ,
क्या इसका अंत कभी नहीं होगा?
©anusingh

© anu singh