...

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प्रेम की खुशबु
गीत गाती ज़िंदगी की इक है जुस्तजू
फक़त संग तेरे जीने की है आरज़ू

शिद्दत बयान कैसे करें ये गहरी चाहतें
देखके तुझको आती है सारी राहतें

ख़्याल और कोई दिल में समाता नहीं
तेरे सिवा ना जाने कोई क्यूँ भाता नहीं

प्रेम की खुशबु फैल रही है हर सू
क्या कोई दिल से मुस्कुराया है

खुशियाँ बिखर रही हैं चार सू
क्या अपना कोई मिलने आया है

तू है वो इश्क़ जो एक नई सुबह दे जाये
दुआ करो कोई वो मंज़िल मेरे पास आये
NOOR E ISHAL
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