...

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प्रेम की शुभकामनाएं दे 🙏🙏
मुहब्बत के हर अंजाम से था वाकीफ
मगर दिल हुआ था इतना मजबूर
की दरिया ए इश्क़ मे झलांग मैने भी लगा दी,
उसकी बातो का सिलसिला ए स्वाद
बचपन की मन पसंद लेमनचूस की तरह था ।
हर मुलाकात का मजा लेते रहे
दो चार मीठी बातें
फिर लेमन की तरह खट्टे झगडे
हर झगडा फिर से मुलाकात को तरसा जाता था
उसका भी हाल कम बेस ऐसा ही था
तुनक कर भाग जाती, और
मेरे मैसेज का वेट करती
फिर हमदोनो इनतजार इंतजार खेलते
मै दरवाजे की ओट से झांकता...
कही दिख तो नही रही ??
वो सारे ऐप पर चक्कर लगाती फिरती
मगर क्या मजाल कि
तुनकी हुई वो लाइक कर दे ...
योर कोट पे जाकर नये पोस्ट ढुढती
कोई नही.... तो पुराने पोस्ट को उधेडती
स्टार मेकर मे नये अपलोड किए गाने सुनती
इन्स्टा पे नये रील का परीक्षण करती
फिर इन सबसे भी जी समझौता नही करता तो
मैसेज करती....
मै उसकी सभी क्रियाकलापों से भिज्ञ रहता था
और उसकी मुलाकात को तडपता
मजे भी लेता था ।
मै सबको परामर्श देता हूँ
यारो ....प्रेम जीवन मे जरूर करो
ये आलोकित कर देगा आत्मा को
एक दैविक उर्जा से भर देगा आपको
ये इश्वर मे आश्था से जोड देगा
इससे आपके व्यक्तित्व मे
शालिनता, शिष्टता, सहनशीलता, सूक्षमता
सदाचारिता आयेगी।
कठोरता दुरव्यवहारिकता को
जड से उखाड देगा...।
मेरे मन मे कोई कपट नही थी
मैने प्रेम को सुदृढ करने के लिए
विवाह का प्रस्ताव रखा....
उसने मुझपर भरोसा किया
कारण था...मेरा मर्यादित प्रेम
प्रेम जब अपने चरम सीमा पे होती है
प्रेमी भूल जाते है मर्यादा
तब वे समर्पण की मर्यादा को भी भूल जाते है
मैने उसके समर्पण को आत्मा से कुबूल किया
पर,
शरीर और सामाजिक मर्यादा का
उलंघन नही किया
ये छोटी सी बात नही है
यही मेरे प्रेम के मकान का मजबूत पीलर का काम किया
जिस पर हमारा प्यार अडिग खडा है
नोक झोंक होते ही रहते है
उसका खून बहुत गरम है
मेरे लहजे से ही ठंडी हो जाती है
आप सोच रहे होगे...
सदा ही प्रेम पे लिखनेवाला मै
आज अपने प्रेम ग्रंथ क्यू सुना रहा हूँ
तो मेरे दोस्तों तुम लोग भी
मुह मिठा कर लो🍫🍫🍫🍫🍫
आज मेरी विवाह की तिसरी सालगिरह है
हमारे प्रेम को शुभकामनाएं दे 🙏🙏
रिटर्न गिफ्ट मे यही मशवरा दूंगा
सब प्रेम करो, और जी भर के करो
पर बेहद सख्ती से कहूंगा
प्रेम करे प्रेम को बदनाम न करे 🙏🙏
( कल्पनाओं पे आधारित इसमे सत्य कुछ भी नही है)