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"अधूरी चाहत"
चाहा हर पल तुझको और तेरी चाहत ने हमे अपनों को भुला दिया!
भले नाराज थी जिंदगी, अब उदासीन हमको बना दिया!
जाने कोन है तू? जिसने बेवजह रातों में जागना सीखा दिया!
प्यार निभाया नहीं उसने, फिर भी हमे प्यार करना सीखा दिया!
अब तो सामने आजा अनजाने, क्यूँ हमे इतना रुला दिया!
अपनी जान से ज़्यादा प्यार तुमसे, मगर तेरे नकाब ने हमें अनजान बना दिया!
तेरी चाहत में हमने अपनों को भुला दिया!!
© by :- kk writer
भले नाराज थी जिंदगी, अब उदासीन हमको बना दिया!
जाने कोन है तू? जिसने बेवजह रातों में जागना सीखा दिया!
प्यार निभाया नहीं उसने, फिर भी हमे प्यार करना सीखा दिया!
अब तो सामने आजा अनजाने, क्यूँ हमे इतना रुला दिया!
अपनी जान से ज़्यादा प्यार तुमसे, मगर तेरे नकाब ने हमें अनजान बना दिया!
तेरी चाहत में हमने अपनों को भुला दिया!!
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