सारे भरम मिट गए..
आज सारे भरम मिट गए..
सब अपने अपने वायदे निभा गए..
खुद, खुद की नजरों में बिछड़ गए..
थे कुछ ख्वाब, एक एक कर सब बिखर गए..
थे मेरे अपने वो साथ निभाकर चले गए..
मेरे वजूद के पायदान मेरे नीचे से खिसक गए..
आहिस्ता आहिस्ता सब बेखबर हो गए..
मेरे ख्वाब मुझसे जुदा हो गए..
थे मेरे अपने जो मुझसे रूठ गए..
थे हम गैर जो हक जता भी नहीं पाए..
इश्क़ के कारोबारी दुनिया के आलम में बिछड़ गए..
सब पंछी आहिस्ता करके काफिलों में उड़...
सब अपने अपने वायदे निभा गए..
खुद, खुद की नजरों में बिछड़ गए..
थे कुछ ख्वाब, एक एक कर सब बिखर गए..
थे मेरे अपने वो साथ निभाकर चले गए..
मेरे वजूद के पायदान मेरे नीचे से खिसक गए..
आहिस्ता आहिस्ता सब बेखबर हो गए..
मेरे ख्वाब मुझसे जुदा हो गए..
थे मेरे अपने जो मुझसे रूठ गए..
थे हम गैर जो हक जता भी नहीं पाए..
इश्क़ के कारोबारी दुनिया के आलम में बिछड़ गए..
सब पंछी आहिस्ता करके काफिलों में उड़...