🌹"कुछ देर को वो रूका था "🌹
कुछ देर को वो रूका था
नज़र भर को उसकों देखा था!!
वो आई और मुसलसल गुफ्तगू में मशगूल;
हो गयी,हौले हौले उसमें वो खोने सा लगा था!!
कभी उसका ऊंगलियों से जुल्फों को संवारना तो कभी मुस्कान की उसके,वो फिदा होने सा लगा था!
वो आकर रूखसत भी होने लगी,रोज की मानिद
कल्ब़-ए-एहसास मगर वो कह न सका था.....
© Deepa
नज़र भर को उसकों देखा था!!
वो आई और मुसलसल गुफ्तगू में मशगूल;
हो गयी,हौले हौले उसमें वो खोने सा लगा था!!
कभी उसका ऊंगलियों से जुल्फों को संवारना तो कभी मुस्कान की उसके,वो फिदा होने सा लगा था!
वो आकर रूखसत भी होने लगी,रोज की मानिद
कल्ब़-ए-एहसास मगर वो कह न सका था.....
© Deepa
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