...

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प्रेम
प्रेम मान प्रेम सम्मान प्रेम ही अभिमान है,
प्रेम में बसी श्रृष्टि, प्रेम ही ब्रह्माण्ड है,

प्रेम शाश्वत सत्य प्रेम ही पूजा अरदास है,
प्रेम से विलग कुछ नहीं,ये धरती आकाश है,

प्रेम मैं प्रेम तू, प्रेम में ही जीवन समस्त,
प्रेम मिले तो जीवन संपूर्ण, प्रेम से सब आश्वस्त,

प्रेम गीता, प्रेम कुरान, प्रेम बाइबल, प्रेम ही ग्रंथ है,
प्रेम में नफ़रत कहाँ, प्रेम तो खुशहाल मंत्र है,

प्रेम आदि प्रेम साथी, प्रेम प्राण, प्रेम अनंत है,
प्रेम पुष्प, प्रेम कण, प्रेम तो जीवन पर्यन्त है,

प्रेम राधा प्रेम माधव, प्रेम ही शिव शक्ति है,
प्रेम भाव प्रेम यातना, प्रेम ही तो भक्ति है,

प्रेम पुलकित प्रेम शोभित प्रेम ही सुगंधित है,
प्रेम रूह में गंगा धारा, प्रेम ही सर्वविदित है,

प्रेम आज़, प्रेम कल, प्रेम अब प्रेम ही सब है,
प्रेम को जो महसूस करे, फिर कुछ बचा कब है।


© @Deeva