...

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बरस जाओ अब
नदिया,झरने,कोयल की कहानी तुम सुनाओ अब।
शीतलता बरसा कर अब ,तपन गर्मी मिटाओ अब।
सही बहुत गर्मी हमने,अब करते स्वागत दिल से,
इंतजार हो गया बहुत,धरा पर बरस जाओ अब।
मोहित जागेटिया
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