दर्द
कही आग लगी है जंगलो मे
कही तूफान उठा है समुंदर मे
कही लाशें बिछी है अपनों की
हवाओं मे भी खुशबू भरी है दर्द की
चरों ओर सिर्फ दर्द और मौत का साया है
बाहर के तूफानों ने तो रुलाया है,पर जो तूफान उठा है दिल मे
उसकी एक अपनी दुनियां है, एक अलग सी माया है
जिसने भी अपना सा बनकर सीने पर वार किया है
हमे तिल - तिल कर मारा है
अब आँखों से दर्द नहीं अभिशाप की नदियाँ बहती है
उनके लिए...
कही तूफान उठा है समुंदर मे
कही लाशें बिछी है अपनों की
हवाओं मे भी खुशबू भरी है दर्द की
चरों ओर सिर्फ दर्द और मौत का साया है
बाहर के तूफानों ने तो रुलाया है,पर जो तूफान उठा है दिल मे
उसकी एक अपनी दुनियां है, एक अलग सी माया है
जिसने भी अपना सा बनकर सीने पर वार किया है
हमे तिल - तिल कर मारा है
अब आँखों से दर्द नहीं अभिशाप की नदियाँ बहती है
उनके लिए...