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एक चेहरे मैं भी पढ़ लेता हूं............✍🏻
निगाहों की बातें देखता हूं ख़्वाबों कि तरह
एक चेहरे मैं भी पढ़ लेता हूं किताबों कि तरह
छुपे हुए है कई मतलब उसकी शर्मो हया में
मैं भी लबों को समझता हूं गुलाबों कि तरह

हर वक़्त, हर पल इक चेहरा ज़ेहन में रहता है
इश्क़ की वफ़ादारी में पक्का हूं हिसाबों कि तरह
मैं भी उसकी ज़िंदगी का राज़दार बनना चाहता हूं
उसके हर अल्फ़ाजों को सजाता हूं रंगों कि तरह

चेहरे की कहानी को तमाम शब्दों...