गज़ल- ख़ुद ही ख़ुद को उजाड़ बैठा हूं।
उससे करके मैं प्यार बैठा हूं।
ख़ुद ही ख़ुदको उजाड़ बैठा हूं।
जब भी मौका मिले आजमा लो मुझे
यारों का ऐसा मैं यार बैठा हूं।
उतारे से भी अब...
ख़ुद ही ख़ुदको उजाड़ बैठा हूं।
जब भी मौका मिले आजमा लो मुझे
यारों का ऐसा मैं यार बैठा हूं।
उतारे से भी अब...