...

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मेरी प्यारी गुड़िया..
आज मेरी गुड़िया को किसने रुलाया है,
मोती सी अश्कों को क्यों छलकाया है!।
देख भी न सकूं आंसू का इक कतरा उसकी आंखों से,
आखिर किस दर्द ने उसे सताया है।।
वारी जाऊं हर इक ज़िन्दगी उस पर,
फिर किसने उस पर सितम ढहाया है।।
ऐ खुदा मेरी हर खुशियां उसके दामन में भर दे,
कम पड़े तो अगर मेरी ,मेरी ज़िन्दगी भी कफ़न कर दे।
तेरी खातिर चांद तारे भी तोड़ लाऊं मैं,
दरिया से भी तेरी चाहतों को मोड़ लाऊं मैं।
राह में खड़ी तेरे हर मुश्किल तूफां से भी लड़ जाऊं,
बरकते कश्ती में तेरे मैं हर हद से भी गुजर जाऊं ।।
दुआ है मेरी रब से ,
उसके होठों की मुस्कान यूं ही बरकरार रखना,
ना हो कभी कोई गम उसे,
यह एहसान मेरे सरकार रखना।।
written by (संतोष वर्मा)
आजमगढ़ वाले..खुद की ज़ुबानी