मेरी प्यारी गुड़िया..
आज मेरी गुड़िया को किसने रुलाया है,
मोती सी अश्कों को क्यों छलकाया है!।
देख भी न सकूं आंसू का इक कतरा उसकी आंखों से,
आखिर किस दर्द ने उसे सताया है।।
वारी जाऊं हर इक ज़िन्दगी उस पर,
फिर किसने उस पर सितम ढहाया है।।
ऐ खुदा मेरी हर खुशियां उसके दामन में भर दे,...
मोती सी अश्कों को क्यों छलकाया है!।
देख भी न सकूं आंसू का इक कतरा उसकी आंखों से,
आखिर किस दर्द ने उसे सताया है।।
वारी जाऊं हर इक ज़िन्दगी उस पर,
फिर किसने उस पर सितम ढहाया है।।
ऐ खुदा मेरी हर खुशियां उसके दामन में भर दे,...