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वो पोशीदा!🌺♥️🌹
बेहद परेशान से फिरते थे दुनियावी रंज ओ गम में,
मगर है कोई पोशीदा जो आके पेशानी सहला देता है,

यूं ही आता है हवा के झोंके सा सीधा मेरी जानिब,
कर के रूमानी दो बातें दिल मेरा वो बहला देता है,

रात की खामोशी में, मेरे आवारा सपनों में ही सही,
दबे पांव आकर गले में बाहों का हार पहना देता है,

कभी छुड़ा लेता है हाथ बेसबब मुझसे वो पोशीदा,
जान तक ले जाता है मेरी, दिल मेरा दहला देता है,

बारिशें यूं ही नहीं हुआ करती तपती गर्मियों के बाद,
कोई खास तो होता है जो बेसाख्ता मुस्कुरा देता है,

दिखते हैं बागों में रंग बिरंगे गुल गुफ्तगू सी करते,
कभी जो वो पोशीदा बस यूं ही खिलखिला देता है!
🌺♥️🌺♥️
— Vijay Kumar
© Truly Chambyal