...

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बारिश और तुम ।।
बेवक्त बारिश की तरह है तेरी यादें
उम्मीद नही होती और आ जाए
तो छोड़ने का मन नहीं करता ।।
तेरी वो मुस्कान भी तो उन हवाओं से कम नही
जो ऐसी बारिश के पहले आ जाए
चाहो तो भी हटने का जी नही करता ।।
वो काले बादल सी तेरी आँखें
बस एक इशारे पे क़यामत आ जाए
फिर भी उनमें खो जाने से दिल नही डरता ।।
बिजली की तरह चमकता तेरा वो चेहरा
हूर का नूर भी एक पल को शर्मा जाए
दीदार कर लो फिर कहीं और जी नही लगता ।।
पर हम अकेले कहाँ जिसे ये बारिश पसंद हो
ना इतनी खूबी की इसे अपना किया जाए
पर खो जाने दे इसे युहीं ये मन ऐसा भी नही करता ।।
भीगना चाहता है ये दिल उस बारिश में
पर सैकड़ों के बीच में कैसे ज़ाहिर किया जाए
अब कैद से खुश होते बाहर जाने को जी नही करता ।।
इस दिल को तलाश अब अगली सुबह की है
एक परिंदा तेरी कैद का शायद उड़ जाए
पर बादल देख कहीं उड़ने का दिल नही करता ।।

© Aadi...
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