#कभी~कभी
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है।
कि ~
क्यों मुझे कोई ठिकाना नहीं मिलता,
कभी साथी तो कभी सहारा नहीं मिलता।
कश्तियाँ डूबती हैं क्यों किनारों पर आकर,...
कि ~
क्यों मुझे कोई ठिकाना नहीं मिलता,
कभी साथी तो कभी सहारा नहीं मिलता।
कश्तियाँ डूबती हैं क्यों किनारों पर आकर,...