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उस एक चाँद के टुकड़े को
आज हर घरवाली प्यार से देखेगी,
अपने साजन के प्यारे मुखड़े को,
आज कितने चाँद निहारेंगें,
उस एक चाँद के टुकड़े को,
ये नाम नही है सिर्फ यहाँ भूखी प्यासी रहने का,
अंदाज़ है हर पत्नी का अपने साजन से कुछ कहने का,
ये छुएंगी पैर पतियों के भूलेंगी सारे ज़ुल्मो सितम,
ये कहेंगी उनसे साथ निभाना सजना मेरे सातो जनम,
मर्द भी आज खुश होंगे देख कुछ क्षण सुनहरे वादी के,
एक दिन की खुशियां और अगले सात जनम बर्बादी के,
एक दिन का व्रत रखकर,
ये खींचेंगी सात जनम उस पचड़े को,
आज कितने चाँद निहारेंगें उस एक चाँद के टुकड़े को।।
© Vivek
#करवाचौथ #Hindi #today
अपने साजन के प्यारे मुखड़े को,
आज कितने चाँद निहारेंगें,
उस एक चाँद के टुकड़े को,
ये नाम नही है सिर्फ यहाँ भूखी प्यासी रहने का,
अंदाज़ है हर पत्नी का अपने साजन से कुछ कहने का,
ये छुएंगी पैर पतियों के भूलेंगी सारे ज़ुल्मो सितम,
ये कहेंगी उनसे साथ निभाना सजना मेरे सातो जनम,
मर्द भी आज खुश होंगे देख कुछ क्षण सुनहरे वादी के,
एक दिन की खुशियां और अगले सात जनम बर्बादी के,
एक दिन का व्रत रखकर,
ये खींचेंगी सात जनम उस पचड़े को,
आज कितने चाँद निहारेंगें उस एक चाँद के टुकड़े को।।
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#करवाचौथ #Hindi #today
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