...

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आजादी
कोई उम्मीद लगाया है तेरे दीदार के लिए।
कोई फूल बिछाया है तेरे स्वागत के लिए।।
कुछ तुम भी ख्याल रखो मेरे चाहत का।
कोई पलके बिछाया है आपके साथ के लिए।।

आए जो जुबान पे तो हर बात बयान करना
देखती रह मेरी हालत को कुछ तो ख्याल करना।
अब तो है आपके सजदे मे है दिल मेरा।
नाजुक है जरा इसे तुम खुशहाल रखना।।

तुम हो सके तो जरा एक बात सोच ले।
बहती हुई उम्मीदों का बयार रोक ले।
ना कर तौहीन मेरे मोहब्बत का इस क़दर।।
अपने क़ैद से मेरे दिल को छोड़ दे।।

खुशिया पसंद नहीं मुझे ,मुझे बर्बादी चाहिए।
नज्म छोटा ही सही पर इश्क़वादी चाहिए।
बहुत तड़प रहा है दिल क़ैद मे तुम्हारे।
अब इस बेचारे को भी आजादी चाहिए।।



© Chandan Singh