आजादी
कोई उम्मीद लगाया है तेरे दीदार के लिए।
कोई फूल बिछाया है तेरे स्वागत के लिए।।
कुछ तुम भी ख्याल रखो मेरे चाहत का।
कोई पलके बिछाया है आपके साथ के लिए।।
आए जो जुबान पे तो हर बात बयान करना
देखती रह मेरी हालत को कुछ तो ख्याल करना।
अब तो है...
कोई फूल बिछाया है तेरे स्वागत के लिए।।
कुछ तुम भी ख्याल रखो मेरे चाहत का।
कोई पलके बिछाया है आपके साथ के लिए।।
आए जो जुबान पे तो हर बात बयान करना
देखती रह मेरी हालत को कुछ तो ख्याल करना।
अब तो है...