कहानी है या सफरनामा
बचपन की तरह अब मासूम नहीं रहे हम,
ख्वाबों की तरह अब बेखबर नहीं रहे हम।
दुनिया के रंग में कुछ यूँ रंगे गए,
अपने भी अब अपने नहीं रहे हम।
हम तो बस लम्हों को जीने निकले थे, ...
ख्वाबों की तरह अब बेखबर नहीं रहे हम।
दुनिया के रंग में कुछ यूँ रंगे गए,
अपने भी अब अपने नहीं रहे हम।
हम तो बस लम्हों को जीने निकले थे, ...