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आशा
एक रात बीती एक नई सुबह के लिए,
घना अंधकार छटा, इक आभा के लिए,
मैं चल दी साथ इसके, बीती बातें भूल,
बिसरी हर राह, एक नई राह के लिए,
हमराही अपनी स्वयं, अपनी स्वीकृति ले,
अपनी ही पहचान, अपनी आकृति लिए,
मिले मुंतजिर कितने, देने कितने ही अनुभव,
सीखा बहुत कुछ मैंने, नये पड़ाव के लिए,
होठों पर मुस्कान, मन की उम्मीद नहीं कम,
है इरादे मजबूत मेरे, इस जनम के लिए,
कमलनयन मैं साथ लिए चलती रही सदा,
फिर रौशनी की दरकार नहीं इस चमन के लिए,
ऐसे ही जिंदादिली से गुजरेंगे दिन मेरे,
तैयार है हर इक पल मेरा इम्तिहान के लिए।
© @Deeva
घना अंधकार छटा, इक आभा के लिए,
मैं चल दी साथ इसके, बीती बातें भूल,
बिसरी हर राह, एक नई राह के लिए,
हमराही अपनी स्वयं, अपनी स्वीकृति ले,
अपनी ही पहचान, अपनी आकृति लिए,
मिले मुंतजिर कितने, देने कितने ही अनुभव,
सीखा बहुत कुछ मैंने, नये पड़ाव के लिए,
होठों पर मुस्कान, मन की उम्मीद नहीं कम,
है इरादे मजबूत मेरे, इस जनम के लिए,
कमलनयन मैं साथ लिए चलती रही सदा,
फिर रौशनी की दरकार नहीं इस चमन के लिए,
ऐसे ही जिंदादिली से गुजरेंगे दिन मेरे,
तैयार है हर इक पल मेरा इम्तिहान के लिए।
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