...

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वक्त से पहले
मेरे ख्वाब में आओ कभी सुर्ख जोड़ा पहन कर

एक क़यामत वक्त से पहले भी आने दो

पहली बारिश में बिन छाते के आओ बाहर

एक बादल वक्त से पहले भी छाने दो

तुम्हारी पहली रसोई का स्वाद अब भी याद है

एक निवाला वक्त से पहले भी खाने दो

रात को मसरूफ हो जाओगे अपने यारों के साथ

एक जाम शाम से पहले भी पिलाने दो

इस महफ़िल में तुम्हारी आमद ज़रा देर से होगी

एक ग़ज़ल वक्त से पहले भी गाने दो

मेरी हर बात समझ आए सबको ये ज़रूरी तो नहीं

तुम भी छोड़ो, चलो जाने दो
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