परी और अनोखी दुनिया.. 💐
एक सपने मैं परी. मिली मुझे,
कह रही थी तुम थामों ना हाथ मेरा,
बरसों से दिल पड़ा है वीरान मेरा,
वो खूबसूरत इतनी मुझ से रहा नहीं गया,
मेने कस के थामा हाथ,
उसने कहा फिर चलो मेरे साथ
हमने की बंद आँखेँ,
खुली तो दिखे जन्नत के नजारे,
मैं सहमे क़दमों से चल दिया,
उसने इशारा किया,
मेने पूछा कौन है ये,
यही तो हैँ सम्राट,
जो तुमसे खुश हैँ बहुत,
ख़ुशी किस बात की जो किया नहीं मेने अच्छा कुछ,
मेरे साथ बुरा हुआ जब की कोशिशे,
वो बोली कोशिशे कामयाबी की राह होती हैँ,
मंज़िल पर पहुँच कर सब की नज़रे गुमराह होती हैँ,
जो नहीं पाता कुछ,
वो पा लेता बहुत कुछ,
जो पा लेता है वो कद्र भूल जाता है,
जिसके लिए किया इतना शब्र वो शबर भूल जाता है,
मेने कहा -तो ठीक है मैं चलता रहूँगा उन रास्तों मैं जिसकी मंज़िल ना हो मंज़िल तो यूँ ही गुमराह करती है,
उस परी नें मेरे सर पर ताज रखा,
ताज फूलों का था,
मेने पूछा ये क्यों,
उसने कहा तुम जो करते हो उसके लिए,
मेने...
कह रही थी तुम थामों ना हाथ मेरा,
बरसों से दिल पड़ा है वीरान मेरा,
वो खूबसूरत इतनी मुझ से रहा नहीं गया,
मेने कस के थामा हाथ,
उसने कहा फिर चलो मेरे साथ
हमने की बंद आँखेँ,
खुली तो दिखे जन्नत के नजारे,
मैं सहमे क़दमों से चल दिया,
उसने इशारा किया,
मेने पूछा कौन है ये,
यही तो हैँ सम्राट,
जो तुमसे खुश हैँ बहुत,
ख़ुशी किस बात की जो किया नहीं मेने अच्छा कुछ,
मेरे साथ बुरा हुआ जब की कोशिशे,
वो बोली कोशिशे कामयाबी की राह होती हैँ,
मंज़िल पर पहुँच कर सब की नज़रे गुमराह होती हैँ,
जो नहीं पाता कुछ,
वो पा लेता बहुत कुछ,
जो पा लेता है वो कद्र भूल जाता है,
जिसके लिए किया इतना शब्र वो शबर भूल जाता है,
मेने कहा -तो ठीक है मैं चलता रहूँगा उन रास्तों मैं जिसकी मंज़िल ना हो मंज़िल तो यूँ ही गुमराह करती है,
उस परी नें मेरे सर पर ताज रखा,
ताज फूलों का था,
मेने पूछा ये क्यों,
उसने कहा तुम जो करते हो उसके लिए,
मेने...