...

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सुरक्षित
सागर मे
एक ऐसी भी किश्ती
थीं जो.
मझधार मे होते हुऐ भी
भवर से डरती नहीं थीं
भवर के आंतक से

वो हर बार सुरक्षित
उस पार पहुंच जाया
करती हैं और भवर हर बार. की
तरह उसे सुरक्षित देख हाथ मलता रह जाता. हैं