...

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चलो साथ उड़े
चलो साथ मे उड़े पंक्षियों की तरह
उस अथाह आसमान में ,उस सूखे समंदर में

जहाँ कोई देखे तो सर उठा के
और हम देखे मुस्कुरा के

रंग-बिरंगे पंखों से आसमान सजाएँ
अपनी मेहनत से अच्छा मुक़ाम पाएँ

चलो ऐसे शिखर पर जाएँ
जिसका छोर न हो ,उड़ान अनन्त हो

अपनी अंतर आत्मा को पहचाने
अपनी हिम्मत से अपने हुनर का साथ दें

कुछ कलाकारियों से हम भी सँवरे
मोहब्बत का खिताब अपने नाम करे

हम कुर्बान भी हों तो
रौशन जहाँ हो

हम जल जाएँ
तो टूटते तारों-सा दिखें

जिसे देख कर सब
सब अपनी मन्नतें माँगे

© Karan