रात और बात
रात अजब,
गजब का चांद,
होंठ मिलें,
मिले फिर प्राण,
और सुहानी हुई कहानी,
ठंडी रात की चाय दुकान,
हाथ हाथों में,
सब्र के बांध,
सुबह की लाली,
पीतल सी सांझ,
इन आंखों की लंबी गलियों में,
मैखाने सौ खास और आम।
© Anamika Tripathi
गजब का चांद,
होंठ मिलें,
मिले फिर प्राण,
और सुहानी हुई कहानी,
ठंडी रात की चाय दुकान,
हाथ हाथों में,
सब्र के बांध,
सुबह की लाली,
पीतल सी सांझ,
इन आंखों की लंबी गलियों में,
मैखाने सौ खास और आम।
© Anamika Tripathi
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