...

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माँ
ओ माँ मेरी 
ओ माँ मेरी , ओ माँ मेरी 
हो तुम मेरी वह मिठीसी चेरी .....॥१॥
 तुम हो हम सब बच्चो की सोनपरी
जिवन के राह पर चलना सिखाने वाली 
बरीश की वह  सरी ....॥२॥
तेरे  चरनो का क्या है  यह राज 
पुरी जिंदगी तेरा ही है नाज ......॥३॥
तु देख ले फुला है आज 
तेरे संस्कारो का यह ताज........॥४॥
दिलसे दिलोको सजाके रखती
छोटे से बडे हर रिश्तो को रचाती....॥५॥
ओ माँ मेरी, ओ माँ मेरी 
मेरे जिंदगी की रहा तेरी....॥६॥
samurddhi choradiya
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