...

4 views

खिड़की से झाकती किरण
बंद खिड़की की सांसो से झाकती किरण ने चुपके से चेहरे पर आकर कहा क्युँ न तू भी जीकर देख मेरी तरह ।
जैसे में पहुँच जाती हूँ मुश्किल रास्ते से भी सब जगह रोशनी फैलाने ,
वैसे ही तू भी भी हर जगह खुशियों की रोशनी फैला ।
मेरे ही आते खिल जाती हैं फूलों की पंखुडिया सारे पंछी चहचहाते हैं ,
वैसे ही तू भी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला ।
मिलेगी ख़ुशी अपार बस तू थोड़ा खुद में बदलाव ला ।
बंद खिड़की की साँसो से ...

आराधना
© All Rights Reserved