एक टुकड़ा..
सालो से कुछ तो अटका है,
शायद टूटे दिल का एक टुकड़ा है।
न कुछ बोलता है, न किसी की सुनता है,
पर अंदर ही अंदर बहुत चुबता है।
अपनो की मरहम से थोड़ा डरता है,
अंजानो के साथ तो बस हसता है।
दिन के उजाले में कहीं छुप जाता है,
रात के अंधेरे में यूंही दिख जाता है।
बहार निकल गया अगर तो दिल थम जाता है,
अंदर रहेगा जब तक..जीया तब तक ही जाता है।
#heart #love #writco
© dil_e_akanksha
शायद टूटे दिल का एक टुकड़ा है।
न कुछ बोलता है, न किसी की सुनता है,
पर अंदर ही अंदर बहुत चुबता है।
अपनो की मरहम से थोड़ा डरता है,
अंजानो के साथ तो बस हसता है।
दिन के उजाले में कहीं छुप जाता है,
रात के अंधेरे में यूंही दिख जाता है।
बहार निकल गया अगर तो दिल थम जाता है,
अंदर रहेगा जब तक..जीया तब तक ही जाता है।
#heart #love #writco
© dil_e_akanksha