...

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माँ--
RAAJ PREEET

अब तो हाल बदल जाना बनता है
जिन्दगी को कुछ तो बहाना बनता है
हमने सोचा कुछ भी नही बिन माँ के
अब दुनिया का हमे सताना बनता है
जन्म जो दे PREEET हजार दुख सहकर
फिर मेरे दोस्त जमाना बनता है
हम है अनपढ़ गंवार गांव के
माँ को सोचकर कर PREEET शायरी का खजाना बनता है
जो मिले दुख सुख जिन्दगी मे
हमारा तो हर गम लिख जाना बनता है
बिन माँ के PREEET जिना बहुत मुश्किल है
लगता है हमारा भी अब दुनिया से जाना बनता है
माँ का आँचल जब छुट जाये जिन्दगी मे PREEET
लोगो का फिर बहुत बहाना बनता है
दोस्त कर्म के आधार पर चलती है जिन्दगी
मौत का तो PREEET बस बहाना बनता है
किसी को क्या दोष दे दोस्त
अपना जब कोई खास , दुश्मन पुराना बनता है
बैठे अकेले मे जब याद आती है माँ
फिर ही कोई शायर सुहाना बनता है
माँ ने है हमे लिखा इस जमाने मे दोस्त
हमारा भी कुछ अहसास अब लिख जाना बनता है

💞💞
© आवारा पागल दीवाना