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इंसान और हैवान
आइना देख के डरता क्यों है
आदमी ख़ुद से मुकरता क्यों है
आज दुनिया में तरक्की है बहुत
फिर कोई भूख़ से मरता क्यों है
कसमें वादे तेरे सच्चे हैं तो फिर
दिल तेरे इश्क़ में डरता क्यों है
हिज्र में हुस्न फना होना था
हिज्र में हुस्न संवरता क्यों है
तू है इंसान तो फिर मुझको बता
काम हैवान का करता क्यों है
© Ananya Rai Parashar
आदमी ख़ुद से मुकरता क्यों है
आज दुनिया में तरक्की है बहुत
फिर कोई भूख़ से मरता क्यों है
कसमें वादे तेरे सच्चे हैं तो फिर
दिल तेरे इश्क़ में डरता क्यों है
हिज्र में हुस्न फना होना था
हिज्र में हुस्न संवरता क्यों है
तू है इंसान तो फिर मुझको बता
काम हैवान का करता क्यों है
© Ananya Rai Parashar
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