...

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मैं किन्नर यहां
आज जिंदगी ने पूछा एक सवाल
बता ज़रा
तेरा आस्तित्व क्या ?
बता ज़रा
तेरी मिट्टी की कीमत कहां।।

मैंने मुस्कुराते ज़िन्दगी को कहा
मैं किन्नर , मैं किन्नर
मैं किन्नर यहां

मेरे अस्तित्व का अर्थ शिव शक्ति से जुड़ा
पहचान का रंग रामायण से हुआ पूरा
तू जान न सकेंगी
मेरी कीमत ए जिंदगी
मैंने हर काल में अपने आप को संपूर्ण किया

मैं भार मैं सार
वास्तविकता मेरी
तप और त्याग
तू जान न सकेंगी
मेरी कीमत ए जिंदगी
मैं कभी कृष्ण तो कभी राधा बना।।

बिंदिया मेरी गोरी का ध्यान
भारी पग से चलू तो
शिव तांडव मृदाग

तू जान न सकेंगी
मेरी कीमत ए जिंदगी
मैं किन्नर अधूरा होकर भी अर्ध नरेशवर के रंग में सिमरा ।।।


vK...........
🩵💟💟💟💟💟💟💟













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