कल क्या होगा..…...
हर दिन सब सुबह गुजरती हैं।
तो ऐसा लगता हैं जैसे।
आज का दिन तो
गुजर गया हैं जैसे तैसे से।
यू आखों में आसूं मायूसी लिए।
न जाने फिर कल क्या होगा।
कितनी तकलीफ परेशानियां होंगी
अगला दिन फिर कितना दर्द भरा होगा।
ये मन में ख्लीश हर वक्त चल रही होती हैं।
जाने कल फिर वो महका सवेरा ...
तो ऐसा लगता हैं जैसे।
आज का दिन तो
गुजर गया हैं जैसे तैसे से।
यू आखों में आसूं मायूसी लिए।
न जाने फिर कल क्या होगा।
कितनी तकलीफ परेशानियां होंगी
अगला दिन फिर कितना दर्द भरा होगा।
ये मन में ख्लीश हर वक्त चल रही होती हैं।
जाने कल फिर वो महका सवेरा ...