...

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परेशान
देख लिया मैंने जमीर को मरते सरेआम
खुदा भी आज होगा परेशान
जब देखा होगा बेबस और बेजान
डूबती हिम्मत और निकलते प्राण
किसकी जीत और किसकी मान
सब एक है फिर इंसानियत बदनाम
आनज़ एक कीमत अनजान
कोई खाए खुआ कोई भूखा सरेआम
देख लिया मै जमीर को मरते सरेआम

to be continued........
© rsoy