...

21 views

ये दूरियां💔
दूरियां बढ़ गई है तेरे मेरे बीच
इन दूरियों को अब पाट नहीं सकते
रह रह कर पिछली बाते याद आती हैं
अब समझौते की शायद बात नहीं

दिल में बस यादों का ही डेरा है
एहसासों की अब शायद हमारे बीच
जगह नहीं

ढूंढती है तुझे ही मेरी ये आंखे
बरबस बरसने के सिवाय इनके पास
अब और कोई काम नहीं

शाम ढले तुम्हारी याद दिल में उतर आती
जैसे तैसे खुद को संभाला ... नहीं कर रहे
तुम याद ये दिल को समझाना मुश्किल

इसलिए दूरियां बढ़ गई है तेरे मेरे बीच
इन दूरियों को अब पाट नहीं सकते..!!

#मेरी_कविता
#दूरियां
© preet_12aii💞