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शहरीदृश्यकाव्य
#शहरीदृश्यकाव्य


रोज आसमां फटता है...सपनों का
पर रोज सुबह होगी...फिर से आशिया बनाने की ,
रातो में उम्मीद... आंखों मे सपने के लिए...सोयी
फिर से कल एक नया आशमा बनेगा..
जिसमे हमारे सपनों के पंख को उड़ान मिलेगा
ये हमारे सपनों का शहर..
ये हमारे ख्वाबो का शहर

लंबी...है सड़क...मंजिल की
पर मेरे भी हौसलों की कमी नहीं
लेके आ गयी एक नई दुनिया में...
छोटी छोटी ख्वाहिश और बड़े बड़े सपने
ये हमारे सपनों की दुनिया
ये मेरे ख्वाबों की दुनिया

© miss pandey