ज़माना हुआ
फ़रियाद कर रही है तरसती हुई निगाह
मिले हुए किसी से शायद ज़माना हुआ
दिल के अँधेरों में एक आस का दिया
बिन उसके हर लम्हा वीरान सा हुआ
हसीन यादों का कारवां यूँ ही संग है
हर पल में उसकी बातों का ही रंग है
खामोश लबों ने इक अफ़साना कहा
बयाँ करने का जिसे कोई बहाना हुआ
गहराईयों में दिल की दर्द...
मिले हुए किसी से शायद ज़माना हुआ
दिल के अँधेरों में एक आस का दिया
बिन उसके हर लम्हा वीरान सा हुआ
हसीन यादों का कारवां यूँ ही संग है
हर पल में उसकी बातों का ही रंग है
खामोश लबों ने इक अफ़साना कहा
बयाँ करने का जिसे कोई बहाना हुआ
गहराईयों में दिल की दर्द...