उसके शहर से जब गुज़रो सारिम उसे आवाज़ देना
मेरी तारीफ मत करो मुझ मे बहुत बुराई है
यूँही तो नहीं ये दर्द ऐ ज़िन्दगी और रुसवाई है
बहुत छोटे छोटे कंकर निकाले है खुद से
शमशीर अभी बाकी है उसकी ज़्यादा...
यूँही तो नहीं ये दर्द ऐ ज़िन्दगी और रुसवाई है
बहुत छोटे छोटे कंकर निकाले है खुद से
शमशीर अभी बाकी है उसकी ज़्यादा...