…***चलो नई शुरुवात करते हैं***...
माना काफ़ी थक चुके हो तुम मेरे दिल,
थोड़ा और चलो अब पास ही है मंज़िल
जो भी हुईं गलतियां तुमसे,
चलो उनसे कुछ सीखते है
और जो खाए धोखे तुमने अपनों से,
अब उन्हें भूलते है ।
बीता पल जो भी था जैसा भी था,
उन्हें पीछे छोड़ आगे निकलते है ...
ज़िंदगी ख़त्म तो नहीं हुई ना रोहित
...
थोड़ा और चलो अब पास ही है मंज़िल
जो भी हुईं गलतियां तुमसे,
चलो उनसे कुछ सीखते है
और जो खाए धोखे तुमने अपनों से,
अब उन्हें भूलते है ।
बीता पल जो भी था जैसा भी था,
उन्हें पीछे छोड़ आगे निकलते है ...
ज़िंदगी ख़त्म तो नहीं हुई ना रोहित
...