...

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n चाहकर
क्यो न चाहकर भी ये खामोशी हे,
क्यो न चाहकर भी ये मजबूरी हे,
क्यो न चाहकर भी हम सबकी की मजबूरी हे,
क्यो न चाहकर भी हम इस ज़िंदगी मे हे,