कहानी संग्रह -प्रकृति एवम् जीवन मर्म का
अक्सर जीवन में लोग भटकते हैं उन्हें ईश्वर की पहचान नहीं होती है। बहुत बार ऐसा होता है कि वह नास्तिक भी हो जाते हैं। क्योंकि उनको ईश्वर के साक्षात दर्शन नहीं होते। लेकिन यदि ईश्वर की कृपा उस इंसान पर हो जाए और वह भक्ति भाव में डूब जाए। तो उसका जीवन आसान हो जाता है। लेकिन भक्ति से पहले वह जीवन में बहुत सी दुख दर्द को झेलता है पूछता है और कहता भी है। ईश्वर कौन है ईश्वर ने मेरे साथ कुछ भी अच्छा नहीं किया। कई बार वह हर मान के यह भी कहता है। कि उसकी...