...

0 views

6 भाग - रक्तयान - क्षमा मित्र
कहते है !!!!!!!!!

("हर कोई तिनके के सहारे जीता है।
लेकिन कभी कभी  हम तिनको के साए मात्र के आसरे।
भंवर से बाहर निकलकर किनारे पर आ लगते है
हमारा जीवन कुछ ऐसे ही। तंतुओं के साहारे टिका रहता है यदि वे टुट जाएं छिन्न भिन्न।होकर बिखर जाएं तो पल भर मे पानी के  बुलबुलो की तरह सब समाप्त हो जाता है।")






"जब सब कुछ खत्म हो जाता है, तो बदला लेने का समय आ जाता है।"








"पानी की बूँदें उसके हाथों से रेत में गिरती हैं जो विलीन हो जाती है!!, उसकी आँखों में लपटें बह रही थीं...!!
(  वो यति था जिसके हाथ से पानी निचे गीर कर रेत मे चला गया   )














"वह इतनी जोर से चिल्लाया कि पूरे जंगल को पता चल गया कि कोई गहरे दर्द में  है!!!!"
(वो" यति" था जो जोर से चिल्लाया क्योंकि? उसका दोस्त मारा गया था )




"यति "उसने अपनी तलवार उठाई और अंधाधुंध दौड़ते हुए झील के पास पहुँच गया
यति झील के पास पहुंच कर......





" यति' जोर से चिल्लाई ओर बोला :"""" वज्र बाहर निकल, प्रकट हो मेरे सामने और मुझसे लड़ !!!!!!!!!  तेरी वजह से  मेरा दोस्त  मार गया है  मे तुझे?  जीवित  नहीं छोड़ूंगा। मैंने कहा बाहर आओ"""!!!!!




"यति ने वज्र को बाहर आने के लिए चुनौती दी"
"उसी...